लेखनी प्रतियोगिता -04-Feb-2022
कसौटी जीवन क्षितिज की
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जब आध्यात्मिक आस्था,
बन जाता उमड़ता प्रकाशपुंज,
जीवन क्षितिज अचानक जागृत होकर,
बिखरने लगता है।
धुंधला-सा होता मन भी,
विज्ञान की कसौटी पर,
प्रामाणिक होकर सच्चा,
विश्वास बनने लगता है।
पाश्चात्य जीवनशैली करती विचलित,
व्यथित मन घबराता चकाचौंध से,
आस्था के धरातल पर,
हृदयतल भी घबराने लगता है।
भौतिकवादी समाज के विवेचना से,
मन की उड़ान रुक जाती हैं,
संवेदना व्यक्त होकर मर जाती हैं,
दिल फिर आल्हादित होने लगता है।
Sudhanshu pabdey
04-Feb-2022 08:56 PM
Very beautiful
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Swati chourasia
04-Feb-2022 02:27 PM
बहुत खूब 👌
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